PRINT PDF PRINT PDF हारिये न हिम्मत बिसारिये न सांई राम~~~ हारिये न हिम्मत बिसारिये न सांई राम~~ तू क्यों सोचे बंदे सब की सोचे सांई राम~~~ दीपक ले के हाथ में सतगुरु राह दिखाये~~ पर मन मूरख बावरा आप अँधेरे जाए~~~ पाप पुण्य और भले बुरे की वो ही करता तोल~~ ये सौदे नहीं जगत हाट के तू क्या जाने मोल~~~ जैसा जिस का काम पाता वैसे दाम~~ तू क्यों सोचे बंदे सब की सोचे सांई राम~~ Posted By : Vinod Jindal on Jul 29, 2011