चिन्ता से भरा दिल सांई को देदे
तुझे दौनौं जहां का सुख चैन मिलेगा
चिन्ता से भरा दिल सांई को देदे
कभी दिन उजियारा कभी रैन अंधेरी
कभी मन हरियाली कभी झोली खाली
वो सब कुछ जाने कब क्या देना है
हर पग पे करेगा तेरी रखवाली
तू पकड़ के रखियो विशवास कि डोरी
वो जहां मिला था फिर वहीं मिलेगा
चिन्ता से भरा दिल……………
स्वीकार किया है हमें सांई ने जब से
ख़ुद को पहचाना जग को पहचाना
मुश्किल से मिली है सदगुरू कि चौखट
मुश्किल से मिला है हमें एक ठिकाना
लगता है सभी हम किस्मत के धनी हैं
अब एसी जगह से कहो कौन हिलेगा
चिन्ता से भरा दिल………………
हो सकता है इक दिन तुम्हैं नींद आजाये
तुम रोम-रोम को ज़रा बोल के रखना
बंद भी हो जाएं जग के दरवाज़े
तुम मन की खिड़की सदा खोल के रखना
किस रात मैं सांई कब चुपके-चुपके
अपने भक्तों से ख़ुद आन मिलेगा
चिन्ता से भरा दिल सांई को देदे
तुझे दौनौं जहां का सुख चैन मिलेगा
फिर पतझड़ में भी तेरी बगिया में
सांई तहमत का ह्र फूल खिलेगा
चिन्ता से भरा दिल सांई को देदे
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