मुझको प्रभु ले के जग में तू आया
तेरा शुक्रिया है , तेरा शुक्रिया है
१)माता पिता का दिया प्यार मुझको
देता है आदर जो संसार मुझको
ये सब है प्रभु मेरे तेरी ही माया ....तेरा शुक्रिया
२) दी तेज बुद्धि ,व सोच भी प्यारी
बड़ी चीज़ दी मुझको भक्ति तुम्हारी
बहुत ही गुंणों से है मुझको सजाया .....तेरा शुक्रिया है
३) दिए अंग पूरे मुझे इतने प्यारे
कि सुन्दर हैं वो ,इक से इक बढ के सारे
मुझे लाखों लाखों से सुन्दर बनाया ......तेरा शुक्रिया है
४)है दुखों कि धुप में थोडा जलाया
तो सुखों कि भी दी , बहुत तूने छाया
तभी तो धवन है शरण तेरी आया ....तेरा शुक्रिया है
लेखक- कवि धवन
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